असेम्बली लाइन (Assembly Line in Hindi) -:
यह विनिर्माण की एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें उत्पाद पर लगने वाले पार्ट्स को एक पूर्वनिर्धारित क्रम में लगा दिया जाता है। पार्ट्स को लगाने से पहले इसके क्रम को अच्छी तरह से विचार करके तय किया जाता है, ताकि बाद में किसी प्रकार की असुविधा ना हो। असेंबली लाइन को ऐसे लगाया जाता है जिसमें न्यूनतम समय लगे और अधिक से अधिक ऊर्जा की बचत हो।
उत्पाद को उत्पादित करने के लिए जब से स्वचालन आ गया है, तब से स्वचालित प्रवाह लाइनों का उपयोग अधिक किया जाने लगा है। असेंबली लाइन लगाने के लिए निम्नलिखित बिंदुओं पर विचार किया जाता है -
●उत्पादन प्रक्रम में कौन-कौन से प्रक्रम किए जा रहे हैं?
●उत्पाद को बनाने के लिए किस प्रकार की मशीन का प्रयोग किया जा रहा है?
●मशीनों में कौन-कौन से टूल इस्तेमाल किए जा रहे हैं?
●उत्पाद को तैयार करने वाली मशीन की चाल और फीड कितनी है?
●मशीन में प्रक्रम के दौरान किन किन प्रकार के कंपन उत्पन्न हो रहे हैं?
ऊपर दिए गए बिंदुओं की सहायता से हम उत्पाद के उत्पादन होने की क्षमता ज्ञात कर सकते हैं। परंतु इस बात का विशेष ध्यान रखा जाता है कि स्वचालन में उपयोग होने वाला कोई भी स्टेशन जब खराब हो जाता है, तो पूरा उत्पादन ही रुक जाता है। इसलिए कार्य स्टेशन का रखरखाव अधिक करना चाहिए। अगर उत्पादन पूरी तरह से रुक जाता है तो स्वचालन की प्रवाह रेखा बाधित हो जाती है। इन सभी कमियों को दूर करने के लिए बफर स्टोरेज का उपयोग किया जाता है।
स्वचालित प्रवाह रेखा की दक्षता और कुशलता का माप करने के लिए निम्न पदों का अध्ययन किया जाता है -
●औसत उत्पादन दर
●फ्लो लाइन की लागत
●फ्लो लाइन की दक्षता एवं उपयोगिता