1) द्विवेदी युग किसे कहते हैं?
उत्तर - वर्ष 1900 से 1920 तक की अवधि को द्विवेदी युग कहा जाता है।
2) द्विवेदी युग की समय सीमा क्या थी?
उत्तर - द्विवेदी युग की समय सीमा वर्ष 1900 से 1920 तक मानी जाती है।
3) द्विवेदी युग से आप क्या समझते हैं?
उत्तर - द्विवेदी युग के प्रमुख लेखक पंडित महावीर प्रसाद द्विवेदी को माना जाता है। जिन्होंने वर्ष 1903 में सरस्वती पत्रिका का संपादन किया। 1900 से 1920 तक की अवधि को द्विवेदी युग के नाम से जाना जाता है। इस युग को जागरण सुधार काल भी कहते हैं।
4) द्विवेदी युग के जनक कौन है?
उत्तर - पंडित महावीर प्रसाद द्विवेदी को द्विवेदी युग का जनक माना जाता है।
5) जागरण सुधार काल किसे कहते हैं?
उत्तर - द्विवेदी युग को जागरण सुधार काल कहा जाता है। जो 1900 से 1920 तक माना जाता है।
6) द्विवेदी युग की प्रमुख विशेषता क्या है?
उत्तर - द्विवेदी युग की प्रमुख विशेषताएं -
१) इस युग में लेखकों की रचनाओं की वर्तनी और व्याकरण संबंधित त्रुटियों पर अधिक ध्यान दिया गया।
२) रचनाओं को शुद्ध से शुद्ध लिखने का प्रयास किया गया।
३) इस युग में शुद्ध से शुद्ध भाषा प्रयोग किया गया और अंधविश्वास को कम करने का प्रयास किया गया।
7) किस युग में सरस्वती पत्रिका का संपादन हुआ?
उत्तर - द्विवेदी युग में सरस्वती पत्रिका का संपादन हुआ।
8) सरस्वती पत्रिका का संपादन कब और किसने किया?
उत्तर - सरस्वती पत्रिका का संपादन 1903 में पंडित महावीर प्रसाद द्विवेदी ने किया।
9) बीसवीं शताब्दी के आरंभिक चरण का विश्वकोश किसे कहा गया है?
उत्तर - बीसवीं शताब्दी के आरंभिक चरण का विश्वकोश सरस्वती पत्रिका को कहा गया है।
10) द्विवेदी युग के प्रमुख कवि व लेखकों के नाम बताइये?
उत्तर - द्विवेदी युग के प्रमुख कवि व लेखक अयोध्यासिंह उपाध्याय "हरिऔध", मैथिलीशरण गुप्त, रामचरित उपाध्याय, नाथूराम शर्मा "शंकर", सियाराम शरण गुप्त, महावीर प्रसाद द्विवेदी, जगनन्नाथ दास रत्नाकर, रायदेवी प्रसाद पूर्ण, गया प्रसाद शुक्ल "स्नेही", रामनरेश त्रिपाठी, बालकृष्ण शर्मा "नवीन" इत्यादि हैं।
11) द्विवेदी युग नाम कैसे पड़ा?
उत्तर - पंडित महावीर प्रसाद द्विवेदी के नाम पर ही द्विवेदी युग का नाम पड़ा।