पुनर्जागरण क्या है? कारण, प्रभाव, विकास, विशेषतायें और प्रमुख वैज्ञानिक

पुनर्जागरण काल -:

पुनर्जागरण फ्रांसीसी शब्द रेनेसा का हिंदी रूपांतरण जिसका अर्थ है फिर से जीवित हो जाना, दूसरे शब्दों में पुनर्जागरण उस अवस्था से है, जब मानव समाज अपनी पुरानी परंपराओं तथा अन्य गतिविधियों को छोड़कर नए तरीकों से अंधविश्वासी गलतियों को छोड़कर Science की तरफ ध्यान देते हुए पुरानी गलतियों को सुधारते है।

अगर हम समाज के सुधार के दृष्टि से पुनर्जागरण के बारे में अध्धयन करेंगें तो इसका एक लंबा इतिहास है।

संसार के इतिहास में 1300 ई. से 1500 ई. के बीच की अवधि को पुनर्जागरण काल कहा जाता है। इस काल में मानव अपनी अंधविश्वास एवं एवं अज्ञानता की प्रवृत्ति को छोड़कर विज्ञान के प्रगतिपथ पर तेजी से बढ़ा इसलिए यह काल पुनर्जागरण काल के नाम से विख्यात हुआ।

पुनर्जागरण के शुरुआत का गौरव इटली को प्राप्त है। इटली में अंधविश्वास समाप्त होने के कारण उसमें कई जीवों ने जागरण काल की शुरुआत की।

पुनर्जागरण क्या है? कारण, प्रभाव, विकास, विशेषतायें और प्रमुख वैज्ञानिक


पुनर्जागरण के कारण -:

जैसा कि हम लोग सब जानते हैं कि पुनर्जागरण का गौरव इटली को प्राप्त था, परंतु पुनर्जागरण किस कारण हुआ क्यों हुआ? इसके कुछ कारण थे। जो निम्न है -

1) धर्म युद्ध का प्रभाव

2) धर्म के प्रति मान्यताओं का प्रभाव

3) आवश्यकताओं का प्रभाव


1) धर्म युद्ध का प्रभाव -:

मध्य में तुर्क और ईसाइयों को में धर्म प्रचार, पवित्र स्थलों की सुरक्षा को लेकर युद्ध होते रहते थे। जिसके कारण भारी मात्रा में लोगों को नुकसान होता रहता था, जान माल की हानि होती थी

इसलिए यह धर्म युद्ध भी पुर्नजागरण काल के लिए उत्तरदाई था।


2) धर्म के प्रति मान्यताओं का प्रभाव -:

मध्य काल तक लोग धर्म के प्राचीन सिद्धांतों से बंधे हुए थे जिसके कारण वे कई तरीकों के परंपराओं में बँधे थे।

वे स्वर्ग और नर्क की कल्पना से प्रेरित होकर कार्य करते थे और लोगों को ईश्वर से डराकर धमकाकर कई लोग अपना कार्य चला लेते थे। जिसके कारण लोगों में कुछ बुराइयां थी, कुछ लोग धर्म का नाम लेकर फायदा उठा लेते थे। यह भी कारण बना पुनर्जागरण काल को लाने के लिए।


3) आवश्यकताओं का प्रभाव -:

हमारे जीवन में सबसे बड़ी चीज आवश्यकता हैं। यदि हमारे जीवन में आवश्यकता ना होगी तो हम कोई भी कार्य करने से हिचकिचायेगे। जैसे मान लेते हैं यदि हमें भूख ना लगे तो हम भोजन  के लिए काम नहीं करेंगे अगर हमें कपड़े की जरूरत न हो तो हम कपड़े के लिए काम ना करेंगे

ठीक ऐसे ही प्राचीन काल में जब उन्हें अपने कार्य क्षेत्र में असुविधा होने लगी तो लोगो ने कार्य को आसान बनाने के लिए नए नए तरीके ढूढने लगे। जब लोगो के कार्य कठिनाई से होती थी तो उन्हें परेशानियां होती थी। वे लोग नए तरीके की खोज करने लगे। जैसे जैसे नए तरीकों की खोज करने लगे विज्ञान आगे बढ़ता गया।

इस प्रकार लोग विज्ञान के प्रति बढ़ते गए पुराने रीति-रिवाजों को भूलते चले गए। इस प्रकार यहां पर ही आवश्यकताओं के कारण  पुनर्जागरण की नींव पड़ चुकी थी।

जैसे कि माना हमने आपको सब्जी रखने के लिए किसी बर्तन की आवश्यकता है परंतु यदि आपके पास बर्तनों ना हो तब आप किसी टोकरी या बर्तन किसी अन्य सुविधा को चाहेंगे। जिससे बर्तन को रखा जा सके। ठीक वैसे ही लोगों को असुविधा होने लगी थी।

असुविधा के रूप में उन्हें यदि किसी एक ही पृष्ठ को बार बार लिखना और पढ़ना हो तो वे उसे कहां रख सकते थे। इसलिए छापेखाने का आविष्कार किया गया। नए वस्तुओं का आविष्कार , साहित्य के क्षेत्र में कार्य इत्यादि।

इस प्रकार यहां पर पुनर्जागरण काल की शुरुआत हुई सबसे पहले यूरोप को ही पुनर्जागरण काल की ख्याति प्राप्त है जिसमें इटली को प्रमुख माना जाता है।


पुनर्जागरण के कारण विकास -:

1) धर्म युद्ध को रोकने में कामयाबी मिली

2) छापेखाने का आविष्कार

3) नगरों का विकास

4) भाषा एवं साहित्य के क्षेत्र में परिवर्तन

5) नए व्यापारिक मार्गों की खोज

6) धर्म के प्रति नई मान्यताओं का विकास

7) मानवतावाद का प्रचार

8) नए नए वैज्ञानिक आविष्कारों के कारण लोगों में 9)वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित हुआ

9) राष्ट्रीयता का विकास

10) समाचार पत्रों का प्रकाशन

11) सामंतवाद का पतन

12) कला के प्रति रुचि

13) विज्ञान क्षेत्र में पुनर्जागरण

14) पुनर्जागरण के कारण लेखक और उनके साहित्य एवं रचनाएं आदमी विकास हुआ।


पुनर्जागरण के प्रभाव -:

1. आर्थिक दशा और व्यापार में प्रगति

2. सामाजिक जीवन में प्रगति

3. धार्मिक दृष्टिकोण में व्यापक बदलाव

4. भाषा और साहित्य पर प्रभाव

5. राष्ट्रीयता का विकास

6. नवीन उपनिवेशों की स्थापना

7. कला पर प्रभाव

8. धर्म सुधार आंदोलन का प्रारंभ


1. आर्थिक दशा और व्यापार में प्रगति -:

पुनर्जागरण के फलस्वरुप नए-नए देशों की खोज की गई इससे दूसरे और नए देश बाजार के रूप में प्रयोग किए गए उनसे कच्चे माल की उपलब्धता बढ़ी सस्ते श्रमिक उपलब्ध होने लगे इससे व्यापार एवं उद्योग का विकसित हुआ।

औद्योगिक नगरों की स्थापना का मार्ग प्रशस्त हुआ बड़े बड़े उद्योगों का विकास प्रारंभ हुआ व्यापारिक उन्नति के फल सर्व समाज के मध्य वर्ग का उदय हुआ और लोग सब समाज की ओर बढ़ने लगे


2. सामाजिक जीवन में प्रगति -:

नवजागरण के फल स्वरुप मानव जीवन के दृष्टिकोण में व्यापक प्रभाव पड़ा , अंधविश्वासी जीवन की सीमा से हटकर वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाया जाने लगा सामंतवादी व्यवस्था समाप्त हो गई।

लोगों में सामाजिक कुरीतियों तथा बुराइयों के प्रति घृणा उत्पन्न हुई और वे अपने राजनीतिक अधिकारों की प्राप्ति के प्रति सचेत हो गए समाज में फैली अशिक्षा एवं अज्ञानता से छुटकारा मिलने लगा।


3. धार्मिक दृष्टिकोण में व्यापक बदलाव -:

किसी व्यक्तिगत धर्म के बढ़ते प्रभाव के कारण कई धर्म समाज को अपने धर्म की रक्षा के लिए एकजुट होने को विवश कर दिया कई धर्म में पर्याप्त सुधार हुआ।

धर्म की महत्ता बढ़ने लगी मध्ययुगीन धार्मिक अंधविश्वास और मान्यताएं समाप्त होने लगी। समाज में प्रचलित आडंमबरों , पाखंड , भ्रष्टाचार तथा अन्याय के विरुद्ध कठोर कदम उठाए गए। धार्मिक कुप्रथायें समाप्त होने लगी ।

धर्म का उज्जवल स्वरूप निखर कर बाहर आ गया। मार्टिन लूथर तथा काल्विन इस समय के महानतम सुधारक थे।


4. भाषा और साहित्य पर प्रभाव -:

छपाई के कारण भाषा एवं साहित्य पर गहरा प्रभाव पड़ा अनेक प्रस्तावों का प्रकाशन होने लगा इसे शिक्षा का भी प्रसार हुआ और ज्ञान का विस्तार होने लगा और लिखने और छापने की सीधा सरल हो गई इससे विकास और अधिक होगा जगह-जगह तथा प्रत्येक स्थान पर बहुत ही जल्दी छपाई करके सामग्रियां , पुस्तकें , ज्ञान बांटने वाली चीजें पहुंचायी जाने लगी।


5. राष्ट्रीयता का विकास -:

पुनर्जागरण के कारण नए राज्यों का जन्म हुआ इससे राष्ट्रीयता की भावना बढ़ी सामंतवाद का अंत हो जाने से शक्तिशाली राज्यों का उदय हुआ इससे राष्ट्रीयता की भावना विकसित होना स्वभाविक था जो देश के लिए हितकर साबित हुआ।


6. नवीन उपनिवेशों की स्थापना -:

विभिन्न देशों के नाविकों ने नए नए देशों की खोज की इनमें कोलंबास वास्कोडिगामा मैग्लेन आदि प्रमुख से इन देशों में नए-नए उपनिवेश ओं की स्थापना की जाने लगी।


7. कला पर प्रभाव -:

पुनर्जागरण के फल स्वरुप वास्तुकला मूर्तिकला चित्रकला आदि देशों में उल्लेखनीय प्रगति हुई रफेल माइकल एंजेलो लियोनार्डो द विंची इस समय के प्रसिद्ध कलाकार हैं।

इसी समय वास्तु कला के रूप में उत्कृष्ट गिरजाघरों का भी निर्माण हुआ, जिससे लोगों में सभ्य समाज की नींव पड़ने लगी थी।


8. धर्म सुधार आंदोलन का प्रारंभ -:

तर्क एवं आलोचनात्मक दृष्टिकोण विकसित होने के कारण और चर्च की अनियमितताये बुराइयां स्पष्ट हो गई । विद्वानों तथा तत्कालिक लेखकों ने इस ओर लोगों का ध्यान आकृष्ट किया।

इससे धार्मिक आंदोलन का मार्ग प्रशस्त हुआ मार्टिन लूथर भी इस समय के महान धर्म सुधारक थे। जिन्होंने धर्म सुधार आंदोलन को आगे बढ़ाया और धर्म का सुधार करके लोगों में अच्छाई की भावना विकसित की जिससे लोग समाज की बुराइयों से लड़ने में सक्षम होने लगे।


पुनर्जागरण की विशेषताएं -:

1) पुनर्जागरण के परिणाम स्वरूप धार्मिक विषयों के स्थान पर विज्ञान सौंदर्यशास्त्र इतिहास भूगोल जैसे विषयों का अध्ययन अध्यापन प्रारंभ हुआ।

2) परलोक वादी जीवन एवं मोक्ष प्राप्ति के स्थान पर सामाजिक समस्याओं जैसे विषयों को महत्त्व दिया गया।

3) पुनर्जागरण के कारण कला को प्रोत्साहन दिया गया।

4) मध्य युगीन मान्यताओं को तर्क के आधार पर खंडित किया गया और नवीन मान्यताओं को प्रतिष्ठा प्राप्त हुई।

5) जनता में आलोचनात्मक एवं अन्वेषनात्मक प्रवृत्ति पैदा हुई आत्मनिग्रह के स्थान पर आत्मविकास और मानव जीवन के सुखों पर जोर दिया गया।

6) पुनर्जागरण ने मनुष्यो को रूढ़ियों अंधविश्वासों तथा चर्च के बंधनों से छुटकारा दिलाया।

7) पुनर्जागरण मानवतावादी विचारधारा का विकास किया मानवतावादी विचारों और मानव जीवन को सार्थक बनाने की शिक्षा ने मानव के प्रति आस्था को पुष्ट किया।

8) पुनर्जागरण ने सदियों से चली आ रही मान्यताओं को झकझोर कर रख दिया।

9) लैटिन एवं यूनानी भाषाओं के स्थान पर लोक भाषा को विशेष महत्व प्राप्त हुआ।


पुनर्जागरण के प्रमुख वैज्ञानिक -:

कॉपरनिकस-  इन्होंने यह सिद्धान्त दिया की ,पृथ्वी सूर्य के चारों ओर घूमती है, इस सिद्धांत का पता लगाया कोपरनिकास पोलैंड देश का निवासी था। 

गैलीलियो- गैलीलियो ने दूरबीन का आविष्कार किया जिससे दूर की वस्तु को देखा जा सकता है।

कैपलर- कैपलर ने ये सिद्धांत प्रतिपादित किया की गेह सूर्य के चारों ओर घूमते हैं कि सूर्य पृथ्वी के चारों नहीं घूमती या किसी अन्य ग्रह के चारों ओर नहीं घूमती। कैपलर जर्मनी देश का निवासी था।

न्यूटन- महान न्यूटन इसने गुरुत्वाकर्षण का सिद्धांत दिया और जर्मनी का निवासी था आज उसके सिद्धांत पर बड़ी से बड़ी खोज किये जाते हैं

रोजर बेकन- रोजर बेकन इंग्लैंड की का निवासी था इन्होंने सूक्ष्मदर्शी का अविष्कार किया।

गुटेनबर्ग- इन्होंने छापेखाने का अविष्कार किया।