पुनर्जागरण काल में यूरोप के साहसी नाविकों ने लंबी लंबी समुद्री यात्राएं की और नए नए देशों की खोज की इसी खोजी अभियान पर 1492 में साहसी नाविक कोलंबस ने नई दुनिया अमेरिका की खोज कर के लोगों को आश्चर्य में डाल दिया। इस महाद्वीप की खोज के परिणाम स्वरूप यूरोपीय साम्राज्यवादी शक्तियां फ्रांसीसी, डच, स्पेनिश ,अंग्रेजी आदि यहां की प्राकृतिक संपदा से आकर्षित होकर उपनिवेश स्थापित करने की प्रतिस्पर्धा में लीन हो गए।
सबसे पहले स्पेन प्रतिस्पर्धा में आगे था किंतु धीरे-धीरे फ्रांस और इंग्लैंड ही वहाँ रह गए उत्तरी अमेरिका पर फ्रांस का कब्जा था।
17वीं शताब्दी तक अंग्रेज अमेरिका में 13 उपनिवेश स्थापित करने में सफल हुए। अंग्रेज अमेरिका की प्राकृतिक संपदा वहां के निवासियों का आर्थिक शोषण करने लगे। यहां पर अंग्रेजी ने भूमि खरीदकर बड़े-बड़े फार्म बना दिए और अफ्रीका से दासों को लाकर खेती कराने लगे। पूंजीपति वर्ग व्यापार, कृषि एवं उद्योग आदि से लाभ अर्जित करने लगा और इस प्रकार अमेरिका का धन इंग्लैंड जाने लगा।
अमेरिका की जनता अपने ऊपर हो रहे शोषण अत्याचार से ग्रसित होकर वहां के लोगों ने स्वतंत्रता पाने का बिगुल बजा दिया और वे स्वतंत्रता प्राप्ति के लिए संघर्ष करने लगे।
जॉर्ज वाशिंगटन के नेतृत्व में अमेरिकावासियों ने अंग्रेज के स्वाधीनता आंदोलन का बिगुल बजा दिया अंत में आखिरकार अमेरिकी अपने उद्देश्य में सफल रहे ब्रिटेन को पराजय का मुंह देखना पड़ा।
ऐसा इसलिए हुवा क्योंकि इंग्लैंड का राजा जॉर्ज तृतीय राजतंत्र के लिए अयोग्य हुआ और इंग्लैंड के अदूरदर्शी नीतियों से ग्रसित होकर अमेरिका ने स्वतंत्रता की संघर्ष को आवाज के रूप में बाहर निकाला और बाहरी, निरंकुश, अत्याचारी शक्तियों से छुटकारा पा लिया।
अमेरिका की क्रांति के कारण (Causes of American Revolution in Hindi) -:
1775 में अमेरिका ने अपने विरुद्ध हो रहे अत्याचार को ना चाहते हुए स्वतंत्रता के लिए इंग्लैंड के खिलाफ विद्रोह कर दिया क्योंकि इंग्लैंड अपने लाभ के लिए ऐसे नियम और कानून बनाती जो अमेरिका की देशवासियों के लिए जहर का काम कर रही थी और इंग्लैंड को थोड़ा सा भी फर्क नहीं पड़ा था इसलिए अमेरिकी लोगों ने स्वतंत्रता संग्राम छेड़ दिया।
अमेरिकी स्वतंत्रता संग्राम के कुछ निम्नलिखित कारण निम्न है -
1) अंग्रेजी सरकार के कठोर कानून इंग्लैंड की सरकार ने अमेरिकी जनता के हितों के विरुद्ध ऐसे कठोर नियम बनाएं इससे अमेरिकी लोगों में असंतोष उत्पन्न हुआ जो विरोध की नींव थी।
2) बोस्टन चाय पार्टी की घटना 1773 ईस्वी की बोस्टन चाय पार्टी की घटना ने आग में घी का काम किया। इस घटना के कारण अंग्रेजी सरकार ने दमनकारी नीति चलाई। इसे अमेरिकी जनता ने खारिज करते हुए विरोधी अभियान को और तेज कर दिया और अपनी आवाज को बुलंद किया।
3) सन 1765 इसी में इंग्लैंड की सरकार ने स्टांप एक्ट नामक कानून पारित कर जनता पर करों का नया बोझ डाल दिया, जो अमेरिकी लोगों पर बहुत अधिक दबाव बना रहा था और उन्हें गरीबी की उस अवस्था में ले जा रहा था जहां पर, वँहा के लोग घुट घुट कर मरने की तादात पर पहुंच जाते।
इससे प्रभावित होकर वहां के लोगों ने स्वतंत्रता पाने का डंका बजा दिया। इस एक्ट के विरोध में अमेरिकी लोगों का कहना था कि इंग्लैंड की संसद में कोई भी अमेरिकी प्रतिनिधि नहीं है। इसलिए अंग्रेजी सरकार को हम पर कर लगाने का कोई अधिकार नहीं है। इसका विरोध करते हुए एक नया नारा बनाया गया " प्रतिनिधित्व नहीं तो टैक्स नहीं "
4) सन 1775 ई. अमेरिकी राज्यों ने अंग्रेजी हुकूमत के विरुद्ध फिलाडेल्फिया में एक सभा आयोजित की जो कांग्रेस के नाम से प्रसिद्ध हुई। इस सभा में अंग्रेजों के विरुद्ध एक प्रस्ताव पास कर उनके पास भेजा गया और कहा गया उसमें अंग्रेजी सरकार को हम पर कर थोपने का कोई अधिकार नहीं है।
इससे नाराज होकर ब्रिटिश सरकार ने कांग्रेस को अवैध घोषित करते हुए इनकी मांगों को अस्वीकार कर दिया और इस सभा को दबाने का प्रयास किया। परिणाम स्वरूप अमेरिका वासी आंदोलित हो गए।
5) धार्मिक मतभेद- इंग्लैंड के बहुत से लोग अपने धर्म की रक्षा के लिए इंग्लैंड छोड़कर अमेरिका में आकर बस गए थे क्योंकि यह लोग रोमन कैथोलिक चर्च को नहीं मानते थे और इंग्लैंड में कैथोलिक धर्म की ही मान्यता थी। इसलिए इंग्लैंड और अमेरिका वासियों के बीच धार्मिक मतभेद क्रांति का कारण बना
6) दोषपूर्ण शासन - अमेरिका में अंग्रेजों का शासन दोषपूर्ण था। यहां के निवासियों को आंतरिक मामलों में भी स्वतंत्रता नहीं थी। अंग्रेजों को उच्च पदों पर नियुक्त किया जाता था और अमेरिकी उच्च पदों के लिए अयोग्य माने जाते थे। जिससे अमेरिका के लोगों में असंतोष बढ़ा और वे आंदोलन में उतर आए।
7) स्वार्थ भरा व्यापार नीति एवं आर्थिक शोषण- अंग्रेजी सरकार ने अपने स्वार्थ की पूर्ति के लिए अमेरिकी व्यापार पर कई प्रकार के प्रतिबंध लगाए हुए अमेरिका में अमेरिकी व्यापारियों पर ही प्रतिबंध लगाने लगे। इसे अमेरिका के लोग रुष्ट हो गए। उन्होंने अपने फायदे के लिए अलग अलग तरीके से अमेरिकी व्यापारियों पर प्रतिबंध लगाया। अमेरिकी राज्य ना तो उत्पाद कर सकते थे और न ही दूसरे देश को कच्चा माल इंग्लैंड के किसी और को बेच सकते हैं।
8) करों की अधिकता - ब्रिटिश की सरकार ने उपनिवेश की रक्षा हेतु 10,000 सैनिकों की व्यवस्था की। इसके लिए धन भी उन्होंने उपनिवेश से ही कर के रूप में लेना प्रारंभ कर दिया। इससे स्वभाविक रुप से लोगों को बहुत दुख हुआ और वह विद्रोह करने लगे।
9) आयात कर- सन 1767 ई. में ब्रिटेन सरकार ने अमेरिका में बाहर से आने वाले वस्तुओं पर आयात कर लगा दिया। जिसका वहां के लोगों ने विरोध किया बाद में ये कर चाय को छोड़कर हटा लिया गया।
अमेरिकी क्रांति के परिणाम (Result of American Revolution in Hindi) -:
1) इस क्रांति के फलस्वरूप एक विशाल भू भाग संयुक्त राज्य अमेरिका की स्थापना हुई।
2) इस क्रांति के फलस्वरूप विश्व को लिखित संविधान एवं गणतंत्र शासन प्रणाली का उपहार प्राप्त हुआ।
3) विश्व में सर्वप्रथम अमेरिका में वास्तविक लोकतंत्र की स्थापना हुई और जॉर्ज वाशिंगटन अमेरिका के पहले राष्ट्रपति बने।
4) इंग्लैंड की भारी पराजय के कारण जार्ज तृतीय की शक्ति पर अंकुश लगा और ब्रिटिश संसद तेजी से लोकतंत्र की ओर आगे जाने लगी।
5) फ्रांस की क्रांति प्रत्यक्ष रूप से प्रभावित हुई तथा
विश्व में अन्य उपनिवेश भी स्वतंत्रता के लिए संघर्ष की ओर उन्मुख हुए।
6) विश्व के पटल पर संयुक्त राज्य अमेरिका जैसे शक्तिशाली राष्ट्र का उदय हुआ।
7) स्वतंत्रता संग्राम के पश्चात अमेरिका में संघीय शासन प्रणाली की स्थापना की गई।
8) धीरे-धीरे अमेरिका में प्रचलित दास प्रथा भी समाप्त हो गई और उनमें आपसी भेदभाव भी खत्म हो गया। दास प्रथा में दास को अन्य लोगों की तरह रखा जाने लगा।