अधिवर्ष (Leap Year in Hindi) -:
ऐसा वर्ष जिसमें फरवरी 29 दिन की होती है और पूरे वर्ष में 366 दिन होता है उसे लीप वर्ष या अधि वर्ष (Leap Year) कहते हैं। समान्यतः प्रत्येक वर्ष में फरवरी 28 दिन की होती है जिसके कारण 1 वर्ष में 365 दिन होते हैं परन्तु लीप वर्ष में फरवरी 29 दिन की होती है जिसके कारण 1 वर्ष में 366 दिन हो जाते हैं।
लीप वर्ष या अधि वर्ष क्यों व कैसे आता है?
हम जानते हैं कि पृथ्वी सूर्य के चारों ओर चक्कर लगाती है इस प्रकार पृथ्वी सूर्य का चक्कर लगाने में 365 दिन और 6 घंटे का समय लेती है। इस तरह पृथ्वी को सूर्य का एक चक्कर पूर्ण करने 1 वर्ष का समय लग जाता है और 1 वर्ष में 365 दिन होते हैं।
परंतु अभी मैंने ऊपर बताया है कि पृथ्वी सूर्य का एक चक्कर 365 दिन व 6 घंटे में पूरा करती है जबकि 1 वर्ष में 365 दिन होते हैं इस प्रकार 6 घंटा अतिरिक्त बच जाता है। यही अतिरिक्त बचने वाला 6 घंटा, दूसरे साल में 12 घंटा बच जाता है, तीसरे साल में 18 घंटा बच जाता है और चौथे साल में 24 घंटा बच जाता है। इस प्रकार 24 घंटे का एक दिन बन जाता है। यह एक दिन चौथे साल में जोड़ दिया जाता है। 1 दिन को चौथे साल के फरवरी के महीने में जोड़ा जाता है, जिससे फरवरी 28 से 29 दिन की हो जाती है और वर्ष 365 से 366 दिन का हो जाता है। इस तरह प्रत्येक चौथे बार लीप वर्ष होता है।
लीप वर्ष को कैसे पहचान करें?
वे सभी वर्ष जो 4 से भाग देने पर पूरी तरह से कट जाते हैं और शेषफल शून्य बचता है, वह वर्ष लीप वर्ष या अधिवर्ष होते हैं।
उदाहरण -
१. सन 2000 को 4 से भाग दिया जाए तो यह पूरी तरह से कट जाएगा इस प्रकार सन 2000 अधिवर्ष अर्थात लीप वर्ष होगा।
२. सन 2020 को 4 से भाग दिया जाए तो यह पूरी तरह से कट जाएगा इस प्रकार सन 2020 भी अधिवर्ष अर्थात लीप वर्ष होगा।
३. सन 2028 को 4 से भाग दिया जाए तो यह पूरी तरह से कट जाएगा इस प्रकार सन 2028 भी अधिवर्ष अर्थात लीप वर्ष होगा।
४. सन 2026 को 4 से भाग दिया जाए तो यह पूरी तरह से नही कट पाएगा। इस प्रकार सन 2026 अधिवर्ष अर्थात लीप वर्ष नही होगा।