पीपल के पेड़ के पत्ते हमेशा हिलते क्यों रहते हैं?

इस पोस्ट में हम जानेंगे कि पीपल के पत्ते हमेशा हिलते क्यों रहते हैं, जब थोड़ी सी भी हवा बह रही होती है तो पीपल के पत्ते सभी  पेड़ो के पत्ते की अपेक्षा अधिक तेज हिलते हैं। तो आइए जानते हैं कि Pipal ke patte hamesha hilate kyu rahte hain.

अगर हम पीपल के खड़े हो तब हम जब कभी भी ध्यान देते हैं तो हमें यह दिखाई देता है कि पीपल के पेड़ के पत्ते हिल रहे हैं और वही खड़े होकर अगर हम अन्य पेड़ों के पत्ते को देखेंगे तो वह या तो हिलेंगे या नहीं हिलेंगे परंतु पीपल के पेड़ के पत्ते से उनकी हिलने की गति काफी धीमी होती है। अगर थोड़ी सी भी हवा बहती है तो पीपल के पेड़ के पत्ते हिलते रहते हैं और बाकी अन्य के पेड़ के पत्ते नहीं हिल पाते हैं। आखिर ऐसा क्या कारण होता होगा कि पीपल के पत्ते हमेशा हिलते रहते हैं।


पीपल के पेड़ के पत्ते हमेशा हिलते क्यों रहते हैं?

पीपल का पत्ता

पीपल के पत्ते हमेशा हिलते रहते हैं। यह इस कारण हो पाता है कि पीपल के पेड़ के पत्तों की बनावट अन्य पेड़ो की पत्तों की अपेक्षा काफी अलग होती है।

पीपल के पत्ते हमेशा हिलते रहते हैं इसके मुख्य 2 कारण है -

1) पीपल के पत्ते का लंबा डंठल

2) पीपल के पत्तों का आकार


1) पीपल के पत्ते का लंबा डंठल - अगर हम ध्यान से पीपल के पत्ते को देखेंगे तो पाएंगे कि पीपल के पत्ते का डंठल काफी लंबा होता है और यह अन्य पेड़ के पत्तों के डंठल की तुलना में काफी बड़ा होता है। पीपल के पेड़ के डंठल का आकार लगभग 2.5 से 3 इंच तक होता है। इस प्रकार पीपल के पत्ती का डंठल जब लंबा होता है तो वह थोड़ी सी भी हवा पाकर हिलने लगता हैं जिस कारण हम देख पाते हैं कि पीपल के पत्ते हिल रहे है। इस प्रकार जब थोड़ी सी भी हवा का झोंका पीपल के पत्तों पर लगता है तो वह हिलने लगता है।


2) पीपल के पत्तों का आकार - हम सभी जानते हैं कि पीपल के पत्तों का आकार लगभग हृदय के आकार का होता है। जो ऊपर की तरफ फैला हुआ और नीचे की तरफ नुकीला होता है। जब थोड़ी सी भी हवा बहती है तो पीपल के पत्ते की ऊपरी भाग या चौड़े वाले भाग पर जो हवा लगता है वह सीधे नीचे नुकीले वाले भाग की तरफ आता है। इस प्रकार पूरे पत्ते की वायु नीचे नुकीले वाले भाग की तरफ आती है। पीपल के पत्ते का नुकीला भाग और डंठल पर हवा बल आघूर्ण की तरह व्यवहार करती है और नुकीले भाग पर थोड़ा सा बल लगने पर भी पीपल के ऊपरी भागो पर अधिक दबाब डालता है जिसके फल स्वरूप पीपल के पत्ते हिलते रहते हैं।