इस लेख में हम जानेंगे कि न्यूटन क्या होता है और हम अपने दैनिक जीवन में 1 न्यूटन बल का प्रयोग किस प्रकार करते हैं। हम आपको सबसे पहले बता दें कि जब भी कभी हम 1 न्यूटन की बात करते हैं तो हमारे मन में ख्याल आता है कि आखिर एक न्यूटन बल होता क्या है हम इससे कितना वस्तु उठा सकते हैं या ले जा सकते हैं। हम कितना बल लगाएंगे तो एक न्यूटन कहलाएगा। हम इस पोस्ट में इससे सब प्रश्नों के जवाब आपको साधारण भाषा में देंगे।
न्यूटन की परिभाषा (Newton in Hindi) - यह बल इतना होता है जिसके माध्यम से 1 किलोग्राम के द्रव्यमान को 1 मीटर प्रति सेकेण्ड² की गति प्रदान करा दिया जा सकता है। यह बल 100000 डाइन के बराबर होता है। मतलब -
👉 1 न्यूटन = 10^5 डाइन
1 न्यूटन (Newton) बल को दैनिक कार्यो की स्थिति के आधार पर परिभाषित करना -:
अब हम आगे जानेंगे कि दैनिक कार्यो में हम 1 न्यूटन लगाने पर कितना बल लगाते हैं। इसके लिए हमे 2 फार्मूले की आवश्यकता पड़ेगी। जो क्रमशः F = m × a और F = m × g है।
आइये अब हम देखते हैं कि हमारे दैनिक जीवन में एक न्यूटन बल का क्या मतलब होता है और 1 न्यूटन का बल लगने से हम कितना कार्य कर सकते हैं।
आप सबको पता होगा न्यूटन के गति के द्वितीय नियम के अनुसार हमे निम्न सूत्र प्राप्त होता है,
👉 F = m × a
जंहा F बल, m द्रव्यमान तथा a त्वरण है। जिसे हम निम्न प्रकार से लिख सकते हैं अर्थात,
👉 F = m × a
👉 बल = द्रव्यमान × त्वरण
अब हमको पता है कि बल का SI पद्धति में मात्रक न्यूटन होता है अतः बल के स्थान पर उसका मात्रक न्यूटन लिख देते हैं और यही प्रक्रिया द्रव्यमान और त्वरण के मात्रक किग्रा और मीटर प्रति सेकेण्ड² को भी लिखकर कर देते हैं।
अतः इन तीनो के मात्रक लिखने पर हमे निम्न समीकरण प्राप्त होता है -
👉 न्यूटन = किग्रा-मीटर प्रति सेकेण्ड²
जिसे इस प्रकार से भी लिखा जा सकता है -
👉 1 न्यूटन = 1 किग्रा-मीटर प्रति सेकेण्ड² ➡️ समीकरण【1】
इस प्रकार हम इसे समीकरण【1】बना लेते हैं और इसका प्रयोग अब समीकरण【2】के सबसे अंत मे मान रख कर करेंगे।
अब हम बल के गुरुत्वीय मात्रक से भार या बल से प्रारम्भ करते हैं। जिसका सूत्र निम्नवत है -
👉 F = m × g
जंहा F बल या भार, m द्रव्यमान व g गरुत्वीय त्वरण है जंहा g = 9.8 मीटर प्रति सेकेण्ड² है।
F = m × g को शब्दीय भाषा मे निम्न तरीके से प्रदर्शित करेंगे अर्थात,
👉 भार या बल = द्रव्यमान × गुरुत्वीय त्वरण
अब हम ऊपर दिए गए फॉर्मूले में उनके मात्रक को लिखेंगे जंहा, द्रव्यमान का मात्रक किग्रा लिखेंगे और गरुत्वीय त्वरण का मान 9.8 मीटर प्रति सेकेण्ड² लिखेंगे। लिखने के पश्चात हमें निम्न समीकरण प्राप्त होगा -
👉 भार या बल = द्रव्यमान × गुरुत्वीय त्वरण
👉 भार या बल = किग्रा × 9.8 मीटर प्रति सेकेण्ड²
जिसे इस प्रकार भी लिखा जा सकता है ,
👉 1 किग्रा भार = 1 किग्रा × 9.8 मीटर प्रति सेकेण्ड²
संख्या 1 को हम लिख सकते हैं जिससे समीकरण के मान में कोई बदलाव नही आएगा।
👉 1 किग्रा भार = 9.8 किग्रा-मीटर प्रति सेकेण्ड² ➡️ समीकरण【2】
अब आते हैं असली मुद्ददे पर जंहा पर हम समीकरण【1】से जानते हैं कि न्यूटन = किग्रा-मीटर प्रति सेकेण्ड² होता है। अब समीकरण【1】के मान को समीकरण【2】में रख देते हैं।
अतः बाएं पक्ष के समीकरण【2】में किग्रा-मीटर प्रति सेकेण्ड² के स्थान पर न्यूटन लिख सकते हैं तब -
👉 1 किग्रा भार = 9.8 किग्रा-मीटर प्रति सेकेण्ड²
👉 1 किग्रा बल या 1 किग्रा भार = 9.8 न्यूटन
इस प्रकार 1 किलोग्राम भार उठाने के लिए 9.8 न्यूटन की आवश्यकता होती है। दूसरी भाषा में समझे तो 9.8 न्यूटन का बल लगाकर 1 किलोग्राम भार उठाया जा सकता है।
👉 1 किग्रा भार = 9.8 न्यूटन
या
👉 9.8 न्यूटन = 1 किग्रा भार
9.8 को पक्षान्तर करने पर -
👉 1 न्यूटन = 1 किग्रा भार/9.8
माना 1 किलोग्राम = 1000 ग्राम , तब -
👉 1 न्यूटन = 1000 ग्राम/9.8
1000 ग्राम में 9.8 का भाग देने पर निम्न सँख्या प्राप्त होगी जो निम्न है -
👉 1 न्यूटन = 102 ग्राम (जो 100 ग्राम के आस-पास है)
इस प्रकार 1 न्यूटन का बल लगाकर 102 ग्राम की वस्तु को उठाया या धकेला जा सकता है।
अतः एक न्यूटन पर लगाकर 102 ग्राम की कोई भी वस्तु उठाई जा सकती है। अगर हम इसको दूसरी भाषा में समझे तो जब हम 102 ग्राम की कोई भी वस्तु उठाते हैं तो उस पर हमें 1 न्यूटन का बल लगाना पड़ता है।
हम आशा करते हुए कि आप समझ गए होंगे कि 1 न्यूटन का बल कितना होता है और यह कैसे कार्य करता है। अतः 1 न्यूटन का बल लगाकर 102 ग्राम की वस्तु उठाई जा सकती है। जहां पर भी 1 न्यूटन का बल लगता है मतलब 102 ग्राम की वस्तु बल लगाकर उठाई जा सकती है।